Monday, March 18, 2013

वाह  देव!
सुन्दरतम उपमा 
मधुरतम काव्य 
गतिमान हो तुम 
साहित्य नभ-तल में 
कांतिमय हो कविता जगत में 
सदैव नमन तुमको 
सदा-आशीष तुमको 

अद्वितीय सदैव .........

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