Sunday, October 21, 2012

Sweet shalini ka sweet world kavita (भ्रूण -हत्या)

भ्रूण -हत्या

1-भ्रूण -हत्या ,भ्रूण -हत्या ,भ्रूण हत्या
 


जिसे देखो वही चिल्ला रहा है ,


कहानी और कवितायेँ लिख रहा है,


भाषण व् प्रवचन दे रहा है ,


रोको -रोको भ्रूण-हत्या रोको 


हर ओर बस इसी का शोर है 


...............................तो क्या रूक गयी भ्रूण हत्या ?


चिल्लाओ और चिल्लाओ 


बस बातें बनाओ ...................वही तो आती हैं हमें 


रचनाएँ लिखो भ्रूण-हत्या को पाप बताओ 


नारी जाती को महान बता कर ,


बेटियों की प्रशंसा में लम्बी चौड़ी बातें


कहो और सुनाओ या चिल्लाओ 


भ्रूण -हत्या महापाप के नारे लगाओ 


बेटी ये होती है -बेटी वो होती है 


सुन-सुन कर कान पक है अब सबके 


अब चुप करो सब,बंद करो सब ............................................................

पूछो उस औरत से जो औरत होने का रोना रोती है 


सबसे पहले उसी को जानने की ललक होती है 


कि  कोख में पलने वाला बच्चा लड़का  है या लड़की  ?


पति के लाख समझाने पर भी भागती है कन्या भ्रूण-हत्या को 


पूछो उस सास से जो बहुएँ तो बड़ी शान से लाती है,


पर पोती की दादी कहलाने से शर्म से मर जाती है ,


'अरी कुलछनी बेटे का मुह दिखाए बिना ही मार देगी मुझे '


कह कर हाय-हाय चिल्लाती है ....................


इतिहास गवाह है !

......................


....................लक्ष्मी आई है ............

.सुनकर देवी ,चंडी का रूप धर लेती हैं 

हाँ-हाँ खुद तो  बेटा  जन के बैठी हैं 


हमारी बेटी होने की ख़ुशी मना रही है।


जब इस दुनिया की आधी सत्ता (स्त्री )


खुद ही अपने को समाप्त करना चाहती है 


तो आधी सत्ता (पुरुष) बेचारा क्या करे ............


बस नियति का नियम मान स्वीकार ले .............

डॉ .शालिनी अगम