मेरे देव,
मैंने कभी भी ख़ुशी से ,
ख़ुशी की ओर नहीं देखा ,
अनचाहे से दुःख से ही खुद को ,
बस दुखी ही होते देखा ,
मुझे मालूम है कि
तुम्हारा इंतज़ार
करना ही है
इसलिए कभी भी
बदलते मौसमों
की ओर नहीं देखा
2-
पति के जन्म-दिवस पर
मेरे ....
अगम ही
परमात्मा का
सर्वोच्च मंदिर हैं,
इसलिए
साक्षात् देवता
की पूजा करना
मुझे सदैव ही
भला लगता है
.................तुम्हारी
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