Thursday, April 1, 2010

saath-saath

साथ-साथ
जीवन की शाम होने से पहले,
उसमे कुछ सुनहेरी यादें जोड़ने दो!
रिश्ते की रात को गहराने से पहले,
शाम को मादक बन जाने दो!
उम्र के आखिरी पडाव पर आने से पहले,,
मेरे यौवन को भी महकने दो!
अरमानो के फूलों को मुरझाने से पहले,
उनकी स्मित सुगंध मुझे लेने दो!
लोगो की भीड़ में गुमने से पहले,
अकेले में............. सिर्फ मैं और तुम;;;
हम दोनों में एक के बिछड़ने से पहेले,
साथ-साथ थोडा-सा जीवन,
जी लेने दो! अपना लो प्रियतम!
..............२००९
............................................शालिनीअगम.