नमस्ते भारतवर्ष,
करना है तो पहले खुद को प्यार करो .
करना है तो पहले खुद को प्यार करो ............. खुद का ध्यान रखो ........... तभी आप दूसरों को प्यार और सुरक्षा दे पाएंगे......अपने -आप से नाराज व्यक्ति कभी किसी को ख़ुशी नहीं दे सकता ....चाहो तो आजमा कर देख लो ..........
बनना है तो पहले अपने आप के सच्चे मित्र 'बेस्ट फ्रेंड ' बनो ....तभी आप किसी के सच्चे और अच्छे मित्र बन पाएंगे ............
भरोसा करना है तो पहले खुद की आत्मशक्ति प़र भरोसा करो ...........जिसमे पर्वतों को हिलाने की भी शक्ति है ......दिशाओं को बदलने का भी हुनर है.....
प्यार लेना है तो पहले अपनी बाँहे पसारना शुरू कर दो .......... ये पक्की बात है कि जो बाँटोगे वही मिलेगा .......
कभी भी ये ख़याल गलती से भी ना आये कि आप बेकार है....
कभी भी ये ख़याल गलती से भी ना आये कि आप बेकार है.....आपकी कोई ज़रुरत नहीं ....................या आप किसी लायक नहीं............................... आपको मालूम ही नहीं कि आप इस दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण इंसान हो ...................गौर से देखो तो तुम्हारी ज़रुरत हल-पल किसी ना किसी को है ........अगर आपकी वजह से किसी के चेहरे प़र पल -भर के लिए भी मुस्कुराहट आ जाती है तो आप बेशकीमती हैं क्योंकि किसी का भी दिल दुख देना बहुत आसान कार्य है प़र .....रोते को हँसा देना बेहद मुश्किल...................आपकी उपस्तिथि किसी का दिन बना सकती है...............या किसी के लिए आशीर्वाद स्वरुप है............बस आवश्यकता है तो आपको स्वं को श्रेष्ठ समझने की..................क्योंकि ये तो तय है कि इस दुनिया में कहीं ना कहीं एक बंदा तो ऐसा ज़रूर है जिसे आपकी बहुत ज़रुरत है..
जियो जी भर के
जियो जी भर के ............क्योंकि
...दमित इच्छाओं से ग्रसित मन कभी भी अपने कर्तव्यों
की इतिश्री सुखपूर्वक नहीं कर सकता क्योंकि एक
प्रसन्न व् संतुष्ट मन व् तन ही खुशियाँ बिखेर सकता है
...........
अब तो ज़िन्दगी से बस यही शिक्षा ली है .....
डॉ शालिनी अगम
No comments:
Post a Comment