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रेकी सूत्र
रेकी के सूत्र में पिरो देने के बाद,
आज हैं रेकी चैनल , दुखों से विलग,
उपचार करें स्वम का ,अपने परिवार का
खुश रहें और बांटें ,सब ओर खुशियाँ
क्यों मुंह छिपा कर रोयें ,दुखी होवें हम
सारी दुनियां के गम और दुखों को समेटें हम ,
आओ अब तोड़ दें ,उदासी की लड़ियाँ
क्योंकि नाचने,गाने,हर्षोल्लास की आई घड़ियाँ ."
शालिनीअगम
शालिनीअगम
2007