Sunday, October 4, 2015

DR.SWEET ANGEL

precious words by raghav ji

आकाशगंगा धवल धार अम्बर किनारा बन गयी
किसमें कितना तेज है मानो परस्पर ठन गयी
बाजू बन्दों में लगे आ कुछ सितारे डोलने
घुँघरुओं में छुपकर देखो धीरे धीरे बोलने
आखों मे टिम-टिम दो सितारे मात देते सौर को
स्वर्ग का सृजन करे देखे बिहँसि जिस ओर को
मांणिकों का कोई सेतु.....
मांणिकों का कोई सेतु रख दिया समेटकर
तुमको देखा धड़कनें रुक गयीं नजारा देखकर
चाँदनी आयी हो जैसे आसमां लपेटकर... आसमां लपेटकर.....

लग रहा है ना जैसे स्यमंतक मणि को नागों ने घेर कर रखा हो..

देखो देखो अपने आभामंडल को ..

ज़िग जैग किनारी मानो आकाशगंगा आ गयी हो आपके बाजुओं पर

और गले पर

alsaayi aakhen.. aisa lag raha hai ki aakhen khul gayi par sapne abhi vahin hein

आसमां लपेटकर... आसमां लपेटकर...आसमां लपेटकर...raghav
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  • at 1:30pm - 5:00pm
    about 2 months ago
  • Lecture Hall No. 2 , Basement , Annexe , India International Centre , 40, Max Muller Marg, Lodhi Road, New Delhi
  • Invited by Dipali Sharma 
Aagaman Group celebrates the Birth Day of Its Co-Founder Dr. Sweet Angel ( Dr Shalini Agam ) with a beautiful open mic poetry recitation session