Friday, March 8, 2013

Dr.Shalini Agam Reiki sparsh tarang



तिल -तिल कर कसकती
इस ज़िन्दगी का
खत्म कर दूं अभी
इन खोखले आदर्शों
की माला को
तोड़ दूं अभी
 इस सडती-गलती सांसों का
आवागमन रोक दूं अभी
इस भरी पूरी दुनिया में
क्यों हूँ मैं अकेली ............
मेरे अपने ?????
मुझे स्वीकारते नहीं
तो क्यों इन संस्कारों की दुहाई देकर

 इस आशा हीन -ध्येय-रहित जीवन को
 जिए जा रही हूँ मैं ????

1 comment:

Dr.Neel Vardhan said...

You are glowing like a star, you are beautiful like an angel and rare like a diamond. You are one of Gods brightest creations. my dear dr.Shalini Agam you are such a sweetheart!..r