1-मेरे देव, मैंने कभी भी ख़ुशी से , ख़ुशी की ओर नहीं देखा , अनचाहे से दुःख से ही खुद को , बस दुखी ही होते देखा , मुझे मालूम है कि तुम्हारा इंतज़ार करना ही है इसलिए कभी भी बदलते मौसमों की ओर नहीं देखा 2- पति के जन्म-दिवस पर मेरे .... अगम ही परमात्मा का सर्वोच्च मंदिर हैं, इसलिए साक्षात् देवता की पूजा करना मुझे सदैव ही भला लगता है .................तुम्हारी
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