जी ,पुरूषों की नज़र में उनके घर की स्त्रियाँ अधिक
सुखी हैं .....जिन्हें न घर चलाने की चिंता
है……………. न कोई ज़द्दो-ज़हद ,उनकी नज़र में
उनकी माँ व् बीवी बस आराम फरमाती हैं
..............या पत्नी फेसबुक पर रहती है………….
और बेटी पढाई के साथ बस सहेलियों में मस्त रहती है
सारा भार बेचारे पुरुष ही सम्भाल्तें हैं ...बूढ़े माँ-बाप को
हॉस्पिटल ले जाना हो ,या बीवी को शौपिंग करानी हो
,या बेटी को पॉकेट मनी देना हो सारे बिल वो भरतें हैं
,सारी चिंताएं वो झेलतें ...और बीवी बस मज़े से या तो
सोती है .या टी .वी .देखती है ................अब बताइए
सुखी कौन ??????????????????
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