Monday, August 9, 2010

SHALINIAGAM {सूर्य ध्यान द्वारा रोग निवारण कैसे करें}


शालिनीअगम {सूर्य ध्यान द्वारा रोग निवारण कैसे करें}



सूर्य - किरण ध्यान


वेदों में कहा गया है कि "उदित होता हुआ सूर्य मृत्यु के सभी कारणों अथार्त सभी रोगों को नष्ट करता है." प्रात:-काल सूर्योदय के समय पूर्वाभिमुख होकर संध्योपासना और हवन करने का यही रहस्य है कि ऐसा करने से सूर्य कि अवरक्त {infrared} किरणे सीधे छाती प़र पड़तीं हैं उनके प्रभाव से व्यक्ति सदैव निरोगी रहतें हैंसूर्य -किरण- ध्यान-विधि प्रातः -काल में शांत-मन होकर आराम से बैठ जाइये.अपना सारा ध्यान सूर्य कि विशालता और व्यापकता प़र लगा दें।जीवन-शक्ति से भरपूर सूर्य से संबंद स्थापित करने का प्रयास करें। नीले आकाश के नीचे चमकती सूर्य-किरणों कि उर्जा को आत्मसात करने का सतत प्रयास करें और अपने आन्तरिक अस्तित्व को इस विशालता के साथ मिलकर उसका विस्तार करें..................प्रार्थना करें"हे सूर्य ! मैं तुम्हारी ओजस्विता,तुम्हारी इस विशाल उर्जा को प्रणाम करता हूँ .मेरे शारीर के त्रिदोष समाप्त कीजिए व् उन्हें संतुलित कीजिए,मुझे अपने समान तेजवान बनाईए .साहसी,निर्भय व् रोगमुक्त बनाईए .हे सूर्य देव!,जीवन शक्ति-देने वाले आपकी शक्ति को प्रणाम ,मुझे निरोगी होने का आशीर्वाद दीजिये ........................
और हर क्षण अनुभव करें कि सुबह की इस अपूर्व कांतिमय बेला में सोने के समान चमकती ,बरसती सूर्य-किरने आपके तन-मन को भिगोती चली जा रही हैं व् नव-जीवन प्रदान कर रहीं हैं।
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6:22:00 AM
by shaliniagamaggarwal
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SHALINIAGAM

7 comments:

मनोज कुमार said...

कुछ नई बात सीखने को मिली!

Suhani Mishra said...

U R AMAZING SHALINIJI

Mrs.&Mr. Khanna said...

Dr. Shalini,
we are taking wonderful knowladge from u.
God bless u

dr. husain said...

शालिनीजी,
ब्लॉग कि इस दुनिया का गौरव हो तुम,
ब्लॉग के असमान का सितारा हो तुम,
ब्लॉग के तख्तो-ताज की मल्लिका हो तुम,
डॉ. हुसैन

hansika said...

wwwwowwww shalini
bravo

DHEERAJ said...

OOOOOOOOOO WHAT A PERSONALTY
WHAT A STYLE..........
WHAT A ATTITUDE ...........
I LIKE U

S.KUMAR said...

आह !
कितने सुंदर और सुशील विचार है
आप प्रशंसा की पात्र हैं .
सुशील कुमार



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