ये ज़िन्दगी बेहद खूबसूरत है,
अगर हम चाहें तो और भी ख़ूबसूरत हो सकती है ,
क्योंकि हमारी ख्वाहिश ये सृष्टि मानती है और उसे उसे पूरा करती है.
ये अलौकिक शक्तियां मेरे लियें अलादीन का चिराग़ हैं जो मांगती हूँ मिलता है.......
.......पैसा, प्यार, शौहरत , स्वास्थ्य .
हर पल जो चाहतो हो मांगो सृष्टि से ,
विश्वास करो कि जो माँगा है ,बस पा ही लिया है,
महसूस करो कि जो माँगा, उसे पाने के बाद कितनी ख़ुशी मिल रही है,
में जो चाहती हूँ ,उस पर विचार करती हूँ, कागज पर लिखती हूँ,
फिर अटूट विश्वास करती हूँ,आशावादी सोच रखती हूँ ,
फिर मैं उसे पा लेती हूँ .
हम सबको अपने और सृष्टि के बीच ताल-मेल बिठाना आना चाहिए
जब भी हालत बदलने हों ,पहले विचार बदलो .
क्योंकि मैं प्रकृति का , सृष्टि का, धन्यवाद करती हूँ , ज्यादा पाना चाहती हूँ तो शुक्रिया करती हूँ
इच्छा -शक्ति से क्या नहीं हो सकता ,आप अपनी इच्छा-शक्ति और यकीन से आप क्या नहीं पा सकते.
अपनी उम्मीद से बड़ी कोई तस्वीर , कोई इच्छा देखो,सोचो, आँखे बंद करके महसूस करें कि वह मजिल मैंने पा ली है .
डॉ.शालिनीअगम
2010
3 comments:
out standing dr. shalini
i am getting advantages out of it
Krishna
""विश्वास करो कि जो माँगा है,बस पा ही लिया है" बहुत सुन्दर..
-- यह सर्वसुलभ,आत्मिक-प्राप्ति सभी द्वन्द्वों की निव्रत्ति है.
--और मांगने पाने ( इच्छाओं) की निव्रत्ति ही अगला व अन्तिम सोपान - मोक्ष है.
dhnwad dr. shyam gupt ji,
hats off to you......
thanks
regards
dr.shaliniagam
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