Friday, June 4, 2010

SHALINIAGAM Tip of the day (ध्यान की सरलतम विधियाँ )

नमस्ते भारतवर्ष
आज मैं आपको ध्यान यानि meditation की बहुत आसन विधि बताने जा रहीं हूँ ।
ध्यान की सरलतम विधियाँ
१- आराम की मुद्रा में बैठ जाएँ. सर्वप्रथम श्वांसों को गहराई से छोड़ने का प्रयास करें । केवल सांसों को गहरा-गहरा लें और छोड़ें। इस प्रक्रिया में शरीर की दूषित वायु निष्कासित होती है और तन-मन प्रफुल्लित रहतें हैं । साथ ही अनेक गन्दी आदतों से छुटकारा भी मिलता है।
२-आंखे बंद करके शांत मन से आरामदायक आसन में बैठ जाएँ और अपने तन व् मन को ढीला छोड़तें जाएँ और कल्पना करें कि हमारा अंग-प्रत्यंग पूरी तरह शांत हो रहा है। नख से शिख तक सभी अंग शिथिल व् मूर्तिवत हो गएँ हैं। इस तरह १० मिनिट से लेकर आधा-एक घंटे तक प्रयास करें । वातावरण को संगीत -मय बनाने के लिए ॐ ध्वनि लगा सकतें हैं।
३-मौन-भाव से शांत व् स्थिर होकर बैठें । आरम्भ में केवल ॐ का उच्चारण करतें जाएं और बारी-बारी से अपने शरीर को बंद आँखों से पैर के अंगूठे से लेकर सिर तक अवलोकन करतें जाएँ ।महसूस करें कि जिस जिस अंग को आप मन की आँखों से देखते जा रहें हैं वह अंग स्वस्थ व् सुंदर होता जा रहा है।
४- वातावरण में ॐ व् परम-शक्ति की उपस्थिति का भान होने से आपका ध्यान स्वासों के आवागमन के साथ जो सकारात्मक ऊर्जा से परिचय करेगा तब आपका तन-मन स्वस्थ व् प्रसन्न होने का अहसास करेगा।

डॉ.शालिनीअगम
www.aarogyamreiki.com

7 comments:

chitranjan said...

शालिनी ,
आपकी ध्यान विधी को अपना रहा हूँ.
बहुत अच्छा प्रयोग है.
चितरंजन

prem said...

shalini........easiest way of meditation.......
very good

prem said...

shalini........easiest way of meditation.......
very good

dr.gupta said...

अति प्रभावशाली व्यक्तित्व है आपका शालिनीजी.
मैं आपसे बहुत प्रभावित हुआ हूँ
आपको सम्मानित करना चाहता हूँ.
डॉ.गुप्ता

Dr. jha said...

प्रिय शालिनी
आप मुझे भा गयीं हैं.
आपका लेखन प्रभावशाली है
डॉ.झा

VIKAS....................... said...

OUTSTANDINGGGGGGG

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

शालिनी.....तुम्हारा यह प्रयास बहुत बढ़िया है....इसकी सफलता के लिए....मेरी बहुत-बहुत-बहुत शुभकामनाएं....!!.....मगर एक काम तो करो....कुछ शब्द मेरे अपने को अलग-अलग कर लो ना....ऐसे आँखों को khatakate hain....aur haan yadi यह hindi men sambhav ho तो aur bhi acchha rahe....है ना....शालिनी....!!!