शायरी हूँ धड़कनों की आजमा कर देखिये
मैं ग़ज़ल इक मुख़्तसर सी गुनगुना कर देखिये
है शिकायत भी तुम्ही से और तुम ही हो दुआ में
इंतहा ये इश्क़ की अब आप आ कर देखिये
ख़ाब भी मेरे हो तुम ,हो इक हक़ीक़त भी तुम्हीं
ऐसे दीवाने से मिलकर दिल लगा कर दीखिये
प्यार तुम को गर नहीं तो नफ़रतें भी है ये क्यूँ
एक रिश्ता बेनाम सा ही अब बना कर दीखिये
ख़्वाहिशें ही दफ़्न कर , न चादरें ही अब बड़ी
ख़ूबसूरत सी तरह ये पल निभा कर देखिये
मुस्किलें मिट जायेगी उस दिन सभी ये ज़िन्दगी की
हाल पर अपने कभी तो मुस्कुरा कर देखिये
आतिशी ये रंग चहरे का तुम्हीं से है अगम
नूर मेरे इस वज़ू का पास आ कर देखिये
मैं ग़ज़ल इक मुख़्तसर सी गुनगुना कर देखिये
है शिकायत भी तुम्ही से और तुम ही हो दुआ में
इंतहा ये इश्क़ की अब आप आ कर देखिये
ख़ाब भी मेरे हो तुम ,हो इक हक़ीक़त भी तुम्हीं
ऐसे दीवाने से मिलकर दिल लगा कर दीखिये
प्यार तुम को गर नहीं तो नफ़रतें भी है ये क्यूँ
एक रिश्ता बेनाम सा ही अब बना कर दीखिये
ख़्वाहिशें ही दफ़्न कर , न चादरें ही अब बड़ी
ख़ूबसूरत सी तरह ये पल निभा कर देखिये
मुस्किलें मिट जायेगी उस दिन सभी ये ज़िन्दगी की
हाल पर अपने कभी तो मुस्कुरा कर देखिये
आतिशी ये रंग चहरे का तुम्हीं से है अगम
नूर मेरे इस वज़ू का पास आ कर देखिये
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