सिसकते दिल के कोनो में कहीं तनहाइयाँ रह जाएंगी
तेरे जाने से ये मदहोश सी गरमाईयां रह जाएंगी
कभी हम सोचते हैं कैद करलूँ क़ब्र में खुद को मगर
छुअन की आस में ज़िन्दा मेरी सिसकारियाँ रह जाएँगी
अभी भी वक़्त है ठहरो जरा सी गुफ़्तगू कर लो कभी
मलोगे हाथ वरना चीखती खामोशियाँ रह जाएंगी
मेरे हिस्से लिखा है,ख़्याल मैं तेरा रखूँ बेइंतहा
तेरे हिस्से में बस हँसती हुई लाचारियाँ रह जाएंगी
अगम ज़ाहिर करे गर ख्वाहिशों तुम से, तो है तौहीन ये
सको गर रूह पढ़ वरना फ़क़त मजबूरियाँ रह जाएंगी
तेरे जाने से ये मदहोश सी गरमाईयां रह जाएंगी
कभी हम सोचते हैं कैद करलूँ क़ब्र में खुद को मगर
छुअन की आस में ज़िन्दा मेरी सिसकारियाँ रह जाएँगी
अभी भी वक़्त है ठहरो जरा सी गुफ़्तगू कर लो कभी
मलोगे हाथ वरना चीखती खामोशियाँ रह जाएंगी
मेरे हिस्से लिखा है,ख़्याल मैं तेरा रखूँ बेइंतहा
तेरे हिस्से में बस हँसती हुई लाचारियाँ रह जाएंगी
अगम ज़ाहिर करे गर ख्वाहिशों तुम से, तो है तौहीन ये
सको गर रूह पढ़ वरना फ़क़त मजबूरियाँ रह जाएंगी
No comments:
Post a Comment