Monday, October 5, 2015

सीनियर सिटीज़न्स by Dr.Shalini Agam

Subject: सीनियर सिटीज़न्स ………… बोझ क्यों ???????????

नमस्ते भारतवर्ष and my all foreigner friends ....... 
एक अपील ,एक प्रार्थना ,एक सुझाव अपने सभी ४० वर्षीय (या उसके आस-पास की आयु वाली मित्र -मंडली से ) क्योंकि हम न बच्चे हैं न बूढ़े , न युवा न वृद्ध जो मिडिल एज में हैं। … the cutest age of the life .... u can say naughtiest age of the life ........ ... ,full of energy ........... well efficient .......agree .......?? anyways ....... 
सर्वसमर्थ ,हृष्ट -पुष्ट ,सुंदर ,सुशील ,स्मार्ट ………. हमें दो काम करने हैं …… एक -खुद का भविष्य सुरक्षित करना है
दो-अपने बुजुर्गों का आज संवारना है।
एक बात बताइए। ……कृपया ध्यान से पढियेगा कि क्या एक वृद्ध इंसान जिसने बचपन से आज तक ६० -७० वर्ष ये उससे अधिक या कम जीवन पर्यन्त कठिन परिश्रम किया स्वम् को कष्ट पहुंचा कर आज की पीढ़ी को जवान किया …और जा चुकी पीढ़ी की सेवा व् सम्मान किया। उनका सहारा बने। किसी हद तक अपनी खुशियों का गला घोंट कर भी ………… अपनी इस हालत के ज़िम्मेदार वो खुद नहीं हैं ??????????
?कैसे ???क्योंकि वो अपने लिए थोड़ा सा स्वार्थी नहीं हुए …….
मुझे औरों का नहीं पता ……………।
न ही किसी और की सोच से मैं इक्तेफाक रखती हूँ ……। लेकिन आप सभी लोग बताइए ज़रा ………क़ि …………… जीवन भर मेहनत की उन्होंने ………। पहले स्वम् को काबिल बनाया . मत-पिता को सहारा दिया …। उनकी गृहस्थी संभाली … साथ ही साथ अपने परिवार का भरण-पोषण किया .उन्हे हर सर्दी -गर्मी से बचाया … एक मजबूत संबल प्रदान किया .भवत्मक रूप से भी औए शारीरिक व् आर्थिक रूप से भी ……… और आज …………… वो बूढा होकर दूसरों का आसरा देख रहें है …… क्यों ????????????????
क्योंकि आज की युवा पीढ़ी के ऊपर वो मोहताज हो गया है …।
मोहताजगी ……………. .उन्ह्ह ……… कितना कष्टकारी होता है न सुनना ये शब्द ………ऽऔर झेलना उससे भी दुष्कर …………
विचारणीय ……… 
क्यों वो आज की युवा पीढ़ी पर इतना निर्भर हो गए ……।क्यों ?? वो दिन भर आते -जाते अपने बच्चों व् बच्चों के बच्चों ……… नाती पोतों का मुह ताका करते हैं ??? क्यों नहीं उन्होंने अपनी जवानी में ही … जब वो पूरी तरह से समर्थ व् स्वस्थ थे …। अपने लिए कोई ऐसा इंतजाम कर लिया कि आखिरी श्वांस तक वो राज करें . और युवा पीढ़ी ……………(विशेषकर नालायक व् अपनी ज़िम्मेदारी न समझने वाली ……… क्योंकि हर संतान पत्थर -दिल नहीं होती हैं ) …………… उनके समक्ष घुटने टेक दे ……………… या भयभीत रहे कि अगर हमने अपने बुजुर्गों का अपमान किया . या इतना मजबूर ……. कि उन्हें घर छोड़कर वृद्धाश्रम का मुह ताकना पड़े . या खुद घर से बेघर होना पड़े। …………………………. तो सोच कर भी उसे पसीना आ जाये। . 
अब बात आती है वृद्धों पर . आज के वृद्ध -बुजुर्गों की दयनीय हालत देखकर …… क्यों तो हम वृद्ध -दिवस के चक्कर में पड़ गए . ज़ुबान हिला दी . या बैठकर सोशल - नेटवर्किंग साईट पर टाइप करने लग गए ………. उफ़्फ़ …………। 
उठो यार 
कुछ करते हैं …… आप और हम 
हाँ भाई मैं आप सभी सर्व-समर्थ ……………… भाई -बहन व् मित्रों से कह रही हूँ ……………. 
अभी से आइये हम सभी योजना -अनुसार चलतें हैं कि २० -२५ वर्ष बाद हम अपने बच्चों से नहीं अपितु बच्चे हमसे डरें ………।
पढ़कर केवल खुश मत हो जाइये 
न ही खाली इंश्योरेंस की प्रीमियम भरकर बेफिक्र 
या ज़मीन -जायदाद बनाकर संतुष्ट हो जाइये ………. 
अपने इस दिमाग को दौडाइए …. कि एक नयी क्रांति ,एक नयी सोच ,एक नयी आग , एक नयी योजना ……………………. जो हमारा बुढ़ापा संवार दे …………… सोचो -सोचो …………………… और आइये फिर उसे आपस में बाँटकर कार्यान्वित करें …………. 
पहला --आज के वृद्ध-वर्ग को ( सबकी हालत दयनीय नहीं … . पर जिनकी है ) … उनके लिए सख्त व् कठोर कदम उठाकर ………… उनकी हर श्वाँस ,हर पल को खुशनुमा बनाना है …….
दूसरा-- स्वम् के भविष्य के लिए ठोस कदम उठाने हैं …… अरे ! मेहनत करें हम। …. 
कमायें हम …………
अपने दिन-रात लुटाएं हम ………
और मज़े लें नालायक …।
जो भूल हमारे बड़ों ने कर दी …… उस भूल को न हमने दोहराना है ………… न ही आगे चलकर पछताना है
खाली वृद्ध -दिवस मनाने से कुछ न होगा मेरे साथियों। ………
कोई विचार मन में हो तो अवशय सबको बताएं ……… सबका भला होगा
आपकी अपनी डॉ स्वीट एंजिल .....................................................................मैं भोपाल में एक senior citizen home से जुड़ा हुआ हूँ। वहाँ जाकर जो महसूस किया है आपने जैसे मेरी भावनाओं को शब्द दे दिये हैं। आज अधिकांश वृद्ध financially secured हो सकते हैं, या हैं भी ! समस्या है emotional scarcity की। जब उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत होती है अपनों की, अपनेपन की तब वो एकाकीपन का दंश झेलते हैं। एक उम्मीद की किरण हैं grand children...... अनेकों जगह वो सेतु बन गये हैं दो पीढ़ियों के मध्य । अब ऐसी परिस्थिति में secured last spawn के लिये क्या करें ? अपने आप को mentally prepare करलें, अपनी संतान से सहारे की आस ही नहीं रखें। अभी से अपने उस वक्त का खाका तैयार रखें कि कैसे गुजारेंगे वो आखिरी पड़ाव !!
तब अगर अपनों ने रिश्तों में गर्माहट बरकरार रखी तो ये एक उपहार होगा.... रिश्तों की कुल जमापूँजी पर ब्याज होगा जिसका अपना अलग ही आनन्द होगा...... कोई कमी.... कोई पश्चाताप नहीं रह जायेगा................. !!.... precious views byMukesh Dubeyji
 
 
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