Sunday, October 6, 2013

एक सत्य अनुभूति ......एक सत्य-परक चित्रण


स्वम को बदलो 
सबसे पहले अपनी सोच बदलनी है 
सोच  सकारात्मक होने से विश्वास पैदा होता है '
 " हाँ मैं ये सब कुछ पा सकती हूँ जो पाना चाहती हूँ  "
जब विश्वास पैदा होता है तो ,अपने उपर भरोसा भी अधिक होता है,
दूसरो से पाने की लालसा काम होने लगती है,किसी से उम्मीद भी करने को मन नहीं करता ,
जब स्वं प़र भरोसा होता है ,आपका व्यक्तित्व भी निखरने लगता है ,आत्मविश्वास से भर-पूर होकर और अधिक आकर्षक लगने लगता है ,
एक आत्मविश्वासी व्यक्तित्व सदा हँस-मुख ,धैर्यवान ,सबकी मदद करने वाला ,संयत ,व् सबकी प्रशंसा का पात्र होता है.
तब आपकी परफोर्मेंस ,में आपके कार्यों में बहुत तीजी से सुधार होता है और आपका कांफिडेंस ,आपको आपके कार्य-क्षेत्र में सबसे काबिल व् योग्य 
सिद्ध करती है .आप तरक्की के रास्तों प़र  तेजी से दौड़ते चले जातें हैं .और इस तरह आपका जीवन  खुश-हाल होने लगता है.

3 comments:

dr ranjan gupta said...

वाह,


बहुत सुन्दर

डॉ स्वीट एंजिल


सदा खुश रहो, मेरी दुआ सदा तुम्हारे साथ है!"

reema jayswaal said...

very well said dr. sahiba..........हर हाल में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढे ,और सफलता हांसिल करते चलें .............agree with you

reema jayswaal said...

very well said dr. sahiba..........हर हाल में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढे ,और सफलता हांसिल करते चलें .............agree with you