Saturday, June 26, 2010

डॉ.शालिनिअगम (शुभ आरोग्यं)स्वेम प़र विश्वास ही आपकी जीत है


यह जो हमारी लाइफ है न ,हर बार दो रास्ते नज़र आयेंगे ....... हर पल मन में अनेक आवाजें सुनाई देंगीं .........उलझन का समय आएगा...........
ये काम करूँ या ना करूँ , इस रास्ते जाऊं या उस रास्ते जाऊं .इस उलझन और संशय कि स्तिथि में स्वयम की ही सोच काम करेगी.
भटकना छोड़ कर मनन करें , केवल अपने मन की बात प़र ध्यान दें .केवल अपने मन कि बात को जानने प़र ही सच्चाई को जान पाओगे.
उलझन से बचने का एक ही रास्ता है, केवल अपने मन कि बात सुनो ,self-centered होकर ही जीत पा सकते हो . अगर तुमने अपने अंदर
की आवाज को पहचान लिया है तो बाहर कुछ भी पाने की , ढूढने की आवश्यकता नहीं है ,
अपनी आँखे खुली रखो , तभी सच जान पाओगे, जब अपनी आँखें बंद रखोगे तो सच भी भीतर ही बंद हो जाएगा .
अपने अंदर की आवाज जो तुमने खुद ही मनन करके सुनी है,उसी में से ,तुम्हारे भीतर से एक नया ,चमकता हुआ ,आत्मनिर्भर,
केवल तुम्हारा ही विजय-गान सामने आएगा ,और देखो ........... जीवन मस्त और कितना खुशहाल बन रहा है
तुम्हारा जीवन निराशा के अँधेरे से निकल कर आशा के उजाले से भर रहा है.
by
dr.shaliniagam

Shubh Aarogyam
The spiritual Reiki healing & training center

e-4/30 krishna nagar Delhi-1100051
www.aarogyamreiki.com

2 comments:

Niashant kher said...

very beautiful dr u r .........

Dr.Dhananjay Mishra said...

आह! कितनी दिलकश अभिव्यक्ति दी है आपने
pholon ki smit sugandh ....