Friday, April 9, 2010

saath-sath

साथ-साथ
जीवन की शाम होने से पहले,
उसमे कुछ सुनहेरी यादें जोड़ने दो!
रिश्ते की रात को गहराने से पहले,
शाम को मादक बन जाने दो!
उम्र के आखिरी पडाव पर आने से पहले,,
मेरे यौवन को भी महकने दो!
अरमानो के फूलों को मुरझाने से पहले,
उनकी स्मित सुगंध मुझे लेने दो!
लोगो की भीड़ में गुमने से पहले,
अकेले में............. सिर्फ मैं और तुम;;;
हम दोनों में एक के बिछड़ने से पहेले,
साथ-साथ थोडा-सा जीवन,
जी लेने दो! अपना लो प्रियतम!
..............२००९
............................................शालिनीअगम.

5 comments:

agam said...

Kas Khusiyno Ki Ek Dukan Hoti

Aur Usme Hamari Pahchan Hoti

Lelete Apke Liye Sari Khusiyna

Chahe Unki Kimat Hamari Jan Hoti !!

Anonymous said...

शुभे!
क्यों करती हो व्यर्थ,
अमूल्य है जीवन तुम्हारा,
देवी, कोई अर्थ नहीं
आंख रहते ,
अंधे समुद्र मैं डूबना.

CHERRY said...

I want more peace and love
in this world
straight from God above
and U ONLY.......

AGAM said...

HI HONEY,
LIVE YOUR LIFE KINGSIZE
AGAM

Anonymous said...

hi shalini,
i care your emotions
love you