जहाँ एक ओर प्रकृति साक्षी है हर भाव अनुभाव की तो दूसरी ओर सोशल नेटवर्किंग साईट को प्रेम प्रदर्शन का एक सशक्त माध्यम माना है। …
काश ……………
काश ……………
मेरी याद-दाश्त खो जाये
काश
मैं भूल जाऊँ कि तू कौन है
काश
मैं फिर से खुद को अकेला समझ
सपने कुछ बुनूँ अपने प्यार के
काश
मैं सुन ही न पाऊँ अपने दर्द की कहानी
काश
जान ही न पाऊँ कि ये आँखें अचानक क्यों भर आयीं
काश
आसक्ति से विरक्ति की ओर कभी जा ही न पाऊँ
काश
तू मुझे मिले और मुझे पहचान ही न पाए
कि फिर से हम प्रेम भरे गीत गायें
काश
तू नए रूप -रंग में आकर
फिर से रंग दे अपने ही रंग में
काश
फिर जन्म ले कर तुझे फिर से पा जाऊँ
काश
कि तुझे पाने की मेरी जिद ही
हमारे पुनर्मिलन का कारण बन जाये
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