Friday, October 26, 2012


नमस्ते भारतवर्ष 
जितना आपके पास है
उससे ज्यादा देने की इच्छा रखो,
और बदले में कुछ भी पाने की
आस मत रखो,
अनजानी तृप्ति व् संतुष्टि से  जाओगे ....................

चेहरे प़र सदैव मुस्कराहट खिली रहने से ,
अपनों को एक अनजानी ताकत और
ख़ुशी का अहसास होता है,
और आपके होने से उनको पूर्णता  अनोखा एहसास होता है.........................

जब भी ज़िन्दगी में ऐसा लगे कि सब कुछ ख़त्म हो गया,सारे दरवाजे बंद हो गए,
कुछ भी बाकी  बचा,
तब ऐसे में एक नया सूर्योदय होता है,एक नई शुरुवाद होती है  ........................
अपने दिल कि सुनो,
जो च्छा लगे वही करो,
अपनी ख़ुशी को पहचानो,
क्योंकि जब आप अंदर से खुश होगे ,
तभी दूसरों को ख़ुशी दे पाओगे ...........................
आभार 
डॉ .स्वीट एंजिल 

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