नमस्ते भारतवर्ष
जितना आपके पास है
उससे ज्यादा देने की इच्छा रखो,
और बदले में कुछ भी पाने की
आस मत रखो,
अनजानी तृप्ति व् संतुष्टि से भ
चेहरे प़र सदैव मुस्कराहट खिली
अपनों को एक अनजानी ताकत और
ख़ुशी का अहसास होता है,
और आपके होने से उनको पूर्णता क
जब भी ज़िन्दगी में ऐसा लगे कि
कुछ भी बाकी न बचा,
तब ऐसे में एक नया सूर्योदय हो
अपने दिल कि सुनो,
जो अच्छा लगे वही करो,
जो अच्छा लगे वही करो,
अपनी ख़ुशी को पहचानो,
क्योंकि जब आप अंदर से खुश होगे ,
तभी दूसरों को ख़ुशी दे पाओगे . ..........................
क्योंकि जब आप अंदर से खुश होगे
तभी दूसरों को ख़ुशी दे पाओगे .
आभार
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