हाँ ! गर्व है मुझे भारतीय होने प़र
मुझे गर्व है अपनी हिंदी प़र,
अपने माथे की बिंदिया प़र,
हाथों की मेहँदी प़र,
खनखनाती चूड़ियों प़र,
अपने भारतीय आचार-विचार
और परम्परा प़र
धर्म-संस्कृति,भाषा-साहित्य
और सभ्यता प़र ,
जो बीज बोये मरी दादी -नानी
और माँ ने
मेरे भोले मन प़र ,
सम्मान और संस्कारों के
खुद भूखे रहकर
अतिथि का पेट भने के,
बड़ों को अपना- पन
और छोटों को प्यार देने के
अपनी जड़ों से बंधकर भी ,
ऊँची उड़ान भरने के,
शिक्षा का सही उपयोग करने के ,
जग में अपना हुनर दिखाने के,
तो क्यों ना कहूँ …?
कि हाँ ! गर्व है मुझे भारतीय होने प़र
डॉ.स्वीट एंजिल
20 comments:
समाज से जुड़ कर व्यक्ति आपकी सुन्दर और सटीक रचना से प्रभावित भी होगा और बहूत कुछ सोचने प़र मजबूर होगा आपसे हमेशा ऐसी ही रचना की उम्मीद रहेगी शालिनीजी ........हैप्पी दिवाली ..."
very good as usual .............
डॉ.शालिनी .सच्चाई को शब्दों में व्यक्त करना कोई आपसे सीखे .बहुत सुंदर लिखतीं हैं आप .
प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए आभार........डॉ,साहिबा
dr. well said..................................स्वदेशग्रामयो: पूर्वं मध्यमं जातिसंघयोः ॥ आक्रोशाददेवचैत्यानामुत्तमं दण्डमर्हति ॥ इति चाणक्य
Thanks to you shalini, lets try and stay centered in the flow...........
मैं आज तक समझ नहीं पाया की कैसे आप कविगण अपनी भावनाओं को इतनी आसानी से शब्द दे देते हैं. बहुत बढ़िया. अब तो लगता है जैसे अचानक ही मुझे कविताओं का समंदर मिल गया है और एक से बढ़ कर एक बुध्धिजीवियों का सान्निध्य पुरस्कार के रूप में मिल रहा है. बहुत - बहुत बधाई.
बहुत सुन्दर रचना...
शालिनी जी- एक एक शब्द अनमोल है आपकी रचना का!
क्या बात ,क्या बात है वाकई खूबसुरत ख़याल
आप की दिल से शुक्रगुजार हूँ, हम सभी की अनुभूतियाँ ही तो बनती है, एक विरासत भावी पीढ़ी के लिए, अपने आपको बधाई दे..
शालिनी ,
सार्थक सी बहुत उम्दा रचना तुम हमेशा बेहतरीन लिखती हो कोमल और इस रचना की शुरुआत ही मन को हर गई
हर बार की तरह फिर से आपके शब्दों का जादू...........अद्भुत.......
विरासत..........इक रंगमंच.......
कई पात्र .....उनका सजीव अभिनय..........
हर प्रस्तुति की छाप जीवंत...........
प्रभु की लेखनी को जीवनी में ढालने का नाम है विरासत.........
इस जीवनी में संजीवनी डाल कर अगली पीढी ....
को सौपने का काम है विरासत............hats off dr.shalini
"कभी समस्या पंख पसारे, कभी सफलता की किलकारी!
कभी किनारा मिलता है तो, कभी डूबती नाव हमारी!
किन्तु संघर्षों की युक्ति, कभी नहीं तुम धूमिल करना,
साहस होगा मन चिंतन में, खंडित किस्मत बने हमारी!"
हर बार की तरह फिर से आपके शब्दों का जादू...........अद्भुत........
हर प्रस्तुति की छाप जीवंत...
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CONGRATULATIONS.....DR.SWEETY
May God bless you with all success on the auspicious occasion of
Dussahra and you may be capable of defeating all evils of your life.
good thoughts dr. angel
hello dr.
GUD MORNG SWEET ANGEL ....... HW R U ?
UR EYES R SO DEEP ....
UR SMILE IS SO SWEET ... &
U LOOKS GORGEOUSLY BEAUTIFUL !!!!
I HV NVR SEEN A BEAUTIFUL GIRL LIKE U .....
MAY I HV THE PLEASURE OF BEING UR FRND !!!!!
............. WAITING FOR UR SWEET REPLY ....
bahut khoob dr sahiba
dr sahiba ... u r gem of a person beauty with brain.. so rare to find..
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