नमस्ते भारतवर्ष
हम सब जब गलती करतें है,तब उसके परिणाम से दुखी भी होतें है, प़र गलतिया कर-कर के जो वर्षो का संचित हल निकलता है उसे अनुभव कहतें है,और अनुभव से ही हम तरक्की के रास्तों प़र बढतें है , जो हमारी सफलता का निश्चित सूचक है ...................
अगर गलती से तुम्हारा पिछला समय कुछ मन चाहा न कर पाने के कारण मचल रहा है, तो अफ़सोस न करके तुरंत खड़े हो जाओ ,"मन ही मन दोहराओ मैंने अपना कल और काफी हद तक आज खो दिया ........लेकिन आने वाला कल मेरा है, ये जीवन मेरा है ,ये संसार मेरा है और मैं उसे सवारूंगा ये मेरा खुद से वादा है .........................
मैंने कल जो अपना सही रास्ता था खो दिया ,प़र आने वाले कल के लिए सही रास्ता चुन लिया है ..............
मैंने कल जो अपनी आत्मा को कुचला किसी भ्रम में या या किसी भुलावे में ,तब अब समय है अपनी आत्मा को पवित्र सुंदर और खूबसूरत बनाने का ......................................
मैंने जो कल अपना सब कुछ खो दिया था ,,प़र अब और नहीं आने वाले कल में सब कुछ पाना है और ये मेरा यकीन है ,क्योंकि कल मेरा है ,ये जहाँ मेरा है................
11 comments:
bahut khoob dr.sahiba
aap ki kavita ke log diwane hai ...fir kya akela pan
your phots r beautiful
aapke thoughts are nice
:-* Soft tender words of encouragements that ud take a shape of dream in mind,muwahaaaaaaaaa
“Have faith in your dreams and someday your rainbow will come smiling through. No matter how your heart is grieving, if you keep believing, the dream that you wish will come true.”
you think dreams can be without a face but just mere soft tender words
?????????
goodnight hugsssssssss and sweetdreams will try to revisit the dreams dear bye bye:-*
Dr.Shalini Agam beautiful pics.......awesome pics collection of a beautiful and learned poetry writer....
शुभ शुभ जिसका लक्ष्य हो बनकर उड़े पतंग --उलझे -सुलझे अरु डटे डोर स्वीट विधि संग ---शुभकामनाये
शुभ शुभ जिसका लक्ष्य हो बनकर उड़े पतंग --उलझे -सुलझे अरु डटे डोर स्वीट विधि संग ---शुभकामनाये
सुन्दरतम -अद्भुत --यथार्थ -------निसंदेह कल हमारा है -बस चल पड़ें कर्मबीर बनकर --साथ आये उसे ले लो प्रेम से सम्मान कर --साथ यदि कोई न आये चल अकेले पंथ पर ---लोग क्या कहते सुनो ना वे यहाँ कहते रहेगें --जो मिला परिवेश साधन संतुष्ट हो ,वह काम कर ..--------अनुपम अगम .
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