रेकी सूत्र
रेकी के सूत्र में पिरो देने के बाद,
आज हैं रेकी चैनल , दुखों से विलग,
उपचार करें स्वम का ,अपने परिवार का
खुश रहें और बांटें ,सब ओर खुशियाँ
क्यों मुंह छिपा कर रोयें ,दुखी होवें हम
सारी दुनियां के गम और दुखों को समेटें हम ,
आओ अब तोड़ दें ,उदासी की लड़ियाँ
क्योंकि नाचने,गाने,हर्षोल्लास की आई घड़ियाँ ."
शालिनीअगम
शालिनीअगम
2007
6 comments:
well done
sujata
OOOOOOOOOO WHAT A PERSONALTY
WHAT A STYLE..........
WHAT A ATTITUDE ...........
I LIKE U
I LOVE YOUR WRITING
I LIKE YOUR STYLE
I ADORE YOUR BEAUTY
I AM PROUD OF YOU .......SHALINI
SUPERB
SHAAAAAAAAA
WONDERFUL
प्रिय शालिनी
आप मुझे भा गयीं हैं.
आपका लेखन प्रभावशाली है
डॉ.झा
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