Dr Sweet Angel -- well known poetry writer and a well expert in reiki techniques addressing audience and poetry lover on the occasion of launching of her much awaited book Aagman Khushiyon Ka. She also dealing practical aspect of pran urjaa in very easy way.
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Dr.Dheer Sahaay
said...
डॉ शालिनी अगमजी ,शब्दों को पंक्तियों की माला में पिरोकर सार्थक सृजन कर एक विचार एवं चिंतन प्रदान करने वाली शब्द साधिका एंजलजी आप स्वयं ही स्व-प्रेरणा से साहित्य की आराधना में जुटे हैं और इस साहित्य पथ पर अविरल धारा की मानिंद चल पड़े हैं शब्द शिल्पी, सृजन और रचनाधर्मिता की पर्याय एंजलजी नव सृजन में व्यस्त हैं।आभासी दुनिया की इस चौपाल पर एक रचनाधर्मी व्यक्तित्व जब मौजूद होता है तो उसके ज्ञान और मनन-चिंतन का लाभ हम जैसे मित्रों को भी मिलता है।एंजलजी, इस आभासी दुनिया में मित्रों की जमात तो लंबी-चौड़ी हो जाती है, लेकिन सुधी-संगत वाले कम ही मिल पाते हैं। आप जैसे विद्वजनों का सान्निध्य मुझे ज्ञान की अभिवृद्धि करने और शुद्ध साहित्यिक रचनाओं को पढ़ने और समझने का अवसर प्रदान करता है।मेरी ओर से आपको अग्रिम शुभकामनाएं, आप साहित्य जगत की सशक्त हस्ताक्षर हैं और आप साहित्य को जीने, उसका नव सृजन करने और साहित्य की आराधना का जो जज्बा है, वह आपको माँ वीणावादिनी की वरद् पुत्री निरूपित करता है। आपके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है। .......................................एक प्रशंसक,एक विचारक,एक मित्र ........
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डॉ शालिनी अगमजी ,शब्दों को पंक्तियों की माला में पिरोकर सार्थक सृजन कर एक विचार एवं चिंतन प्रदान करने वाली शब्द साधिका एंजलजी आप स्वयं ही स्व-प्रेरणा से साहित्य की आराधना में जुटे हैं और इस साहित्य पथ पर अविरल धारा की मानिंद चल पड़े हैं शब्द शिल्पी, सृजन और रचनाधर्मिता की पर्याय एंजलजी नव सृजन में व्यस्त हैं।आभासी दुनिया की इस चौपाल पर एक रचनाधर्मी व्यक्तित्व जब मौजूद होता है तो उसके ज्ञान और मनन-चिंतन का लाभ हम जैसे मित्रों को भी मिलता है।एंजलजी, इस आभासी दुनिया में मित्रों की जमात तो लंबी-चौड़ी हो जाती है, लेकिन सुधी-संगत वाले कम ही मिल पाते हैं। आप जैसे विद्वजनों का सान्निध्य मुझे ज्ञान की अभिवृद्धि करने और शुद्ध साहित्यिक रचनाओं को पढ़ने और समझने का अवसर प्रदान करता है।मेरी ओर से आपको अग्रिम शुभकामनाएं, आप साहित्य जगत की सशक्त हस्ताक्षर हैं और आप साहित्य को जीने, उसका नव सृजन करने और साहित्य की आराधना का जो जज्बा है, वह आपको माँ वीणावादिनी की वरद् पुत्री निरूपित करता है। आपके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है।
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