” अब तक
मैं अपनी सबसे बड़ी आलोचक रही हूँ ..........
.......किसी और के कुछ भी कहने से पहले मैं अपनी
निंदा स्वम् प्रारम्भ करने वालों में से हूँ .....पर अब से
अपनी इस ज़िन्दगी में ............ .मैं अपनी सबसे बड़ा
शुभचिंतक बनने जा रही हूँ ........मैं अपनी ज़िन्दगी
उस शख्स के साथ (स्वम् )के साथ बिलकुल नहीं
बिताना चाहती जो मेरा सबसे बड़ा आलोचक है ...
.............अब वो सही वक़्त आ गया है जब मैं वो हर
अच्छी बात स्वम् के विषय में स्वीकार कर चुकी हूँ जो
मेरे अन्दर हैं ....मेरे गुण,मेरी प्रतिभा, मेरा प्रेम,मेरे
अपने ,मेरा मान,मेरा आकर्षक व्यक्तित्व ,मेरा सुंदर -
स्वस्थ जीवन ....हाँ मैं यही हूँ .........................औ
........
6 comments:
तुम रहते हो स्मृति में, तुम प्यारे और मनोहारी हो,
सही अर्थ में तुम ही देखो, इन पुष्पों के अधिकारी हो!"..............
बहुत सुन्दर
"Dr.Sweet Angel GLIMPSES- Glaring, Gladdening and Glittering! finally...
hats off dear friend
डॉ. स्वीट जी,
सचमुच तुमने एक सही और सटीक विश्लेषण किया है
जियो, मेरी दुआ सदा तुम्हारे साथ हैं!
DrSweet Angel ji-"
सम्मानित ओजस्वी कवयित्री डॉ. स्वीट एंजल जी,
आपका ये अपनत्व, ये स्नेह,
ये मार्गदर्शन और प्रेरणा का वाक्य,
निश्चित रूप से हम जैसे नवोदितों का मार्गदर्शन करते हैं!
आपका ह्रदय से आभारी हूँ!"
चेतन रामकिशन'
Itni sundar abhivakti ka kuch kahna iski toheen hogi....... completley zipped
चेतन रामकिशन DrSweet Angel ji-"
सम्मानित वरिष्ठ कवयित्री डॉ. स्वीट एंजल जी,
आपकी सराहना से शब्दों के यश में वृद्धि हुयी,
मैं आपका तहे दिल से आभारी हूँ!"
DrSweet Angel ji-"
सम्मानित वरिष्ठ कवयित्री डॉ. स्वीट एंजल जी,
आपकी सराहना से शब्दों के यश में वृद्धि हुयी,
मैं आपका तहे दिल से आभारी हूँ!"
Post a Comment