नमस्ते भारतवर्ष
करो वही जिसका संशय हो कि नहीं होगा तुमसे ,
हारोगे ................ कोई बात नहीं,
फिर से करो ........परिणाम पहले से बेहतर होंगे ,
फिर भी गर उम्मीद प़र खरे न उतर पाओ.........
प्रयत्न करो ,फिर उठो,फिर जुट जाओ..........
अच्छा और पहले से अच्छा होने लगेगा
याद रखो .......करत-करत अभ्यास के ,
जड़मति होए सुजान ..........और ........
जो व्यक्ति कभी जीवन में लुढका नहीं ,
वो कभी ऊंचाई प़र भी नहीं पहुँच पाया ,
अब यही क्षण तुम्हारा है ...........जीत लो दुनिया को .
क्योंकि अब जीत सिर्फ तुम्हारी है
वन्दे मातरम
शालिनिअगम
8 comments:
करो वही जिसका संशय हो कि नहीं होगा तुमसे ,
हारोगे ................ कोई बात नहीं,
फिर से करो ........परिणाम पहले से बेहतर होंगे ,
bery nice
जी आप बहुत अच्छा लिखती हो ,इसी तरह लिखते रहें भगवान आपको लंबी उम्र दे"
शालिनी जी मैं आप से बहुत प्रभावित हूँ
jiski rachna itni sundar woh kitna sundar hogaa
mera nritya koi aur nahi kar sakta, really fact
is there anything in reiki that ki man mein shanti mile and khwahishen apne aap khatam ho jaayen ?
aree wah shalini maine aapki photos bho dhoond leen
sach jiski rachna sundar woh sach mein bahot sundar hai
god bless u sach mein u r just a cute beauty
.everything does work itself out for the best...
sending love...
निःसंशय एक सुन्दर विचारशील रचना
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