नमस्ते भारतवर्ष
meditation is parting in your innerself
व्यक्ति अपना रोष,अपना दुख,अपनी प्रसन्नता ,सभी कुछ संगीत के लय ताल द्वारा प्रकट कर तनाव रहित हो सकता है.
शंकर , मीरा,कबीर,चैतन्य महाप्रभु ,कृष्ण की बांसुरी की लय प़र सुध-बुद्ध खोती गोपियों का नर्तन, सूफी-संत आदि नृत्य द्वारा ध्यान में समाये रहते थे । नृत्य व् संगीत द्वारा व्यक्ति का तन-मन , सुध-बुद्ध खोकर आनंदित होकर झूमने लगता है तब सृष्टि भी अपने साथ नृत्य करती, झंकृत होती मालूम पड़ती है।
ओशो ने भी कहा है कि जब हम नृत्य में खो जातें हैं तब हम अपने अस्तित्व को भूल जातें हैं ....दिखाई देता है तो केवल नृत्य और उससे उपजता आनंद .........'नृत्य ही तुम्हारा परमात्मा तक जाने का रास्ता है '........और फिर हर ओर एक नई ताजगी, एक नई दिव्यता का अहसास होने लगता है।
तो उठो मेरे भारतवर्ष संगीत को अपनाओ हर उत्सव को नाच-गा कर और भी अधिक आनंद-दायक बना लो ,अरे रे रे ....शर्माना कैसा और किससे ,नहीं तो बंद कमरे से शुरुवात कैसी रहेगी ,मनपसंद लय-ताल चुनो फ़िल्मी संगीत चुनो,इंडियन क्लासिकल या पाश्चात्य संगीत चुनो ,प्ले का बटन दबाओ और शुरू हो जाओ .
meditation revive your cells which starts danc
MEDITATION MAKES YOU ACTIVE SO START DANCING
SO MY DEAR INDIA,'THE RESULT OF SIMPLE PROCESS OF FUN WITH DANCING IS OUT STANDING.........IT SYNCHRONISES THE POSITIVE & NNEGATIVE ENERGY INSIDE THE BODY......... THE MAN AND WOMAN ' THE YIN AND YANG', LIFE AND DEATH
CHEERSSSSSSS
DR. SHALINIAGAM
2010
4 comments:
OOOOOOOOOO WHAT A PERSONALTY
WHAT A STYLE..........
WHAT A ATTITUDE ...........
I LIKE U
SHALINIAGAM
I Can Sense Your Presence,
I Can Feel Your Fragrance,
You Are The Most Beautiful Happening Of My Life..
आह !
कितने सुंदर और सुशील विचार है
आप प्रशंसा की पात्र हैं .
सुशील कुमार
wonderful ............
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