नमस्ते इंडिया ,
आज मैं आपको कहती हूँ ,अपने शरीर के सभी अंगों से आत्मीय व्यवहार अपनाएं,जिस अंग में परेशानी है ,उसे प्यार से सहलाएं ।
जैसे आपके घुटने में दर्द है ,उससे दोस्ती करें ..कैसे?
उसे प्यार से हाथ फेरें बात करें,"हे मेरे प्रिय घुटने मैंने तुम्हारे स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रक्खा ,जिस कारण तुम परेशान हो ।मुझे अपनी परेशानी का कारण बताओ। मुझे तुम्हारी ज़रुरत है ,बस तुम ज़ल्दी से ठीक हो जाओ "। तब लगेगा कि घुटना भी आपसे बातें करने लगा है ।उससे सम्बन्ध विकसित होने प़र आप पाओगे कि आपकी अवहेलना के कारण ,घंटों बिना विश्राम किये और उचित पौष्टिक आहार न लेने के कारण,हर पल दुखी और चिंता ओढने की आदत होने से ही ये समस्या हुई । तब आप जानोगे कि अपने शरीर के अंगों से प्यार जताने प़र उन्हें भी ख़ुशी मिलती है ,नयी ऊर्जा मिलती है जीने की । परिणाम दर्द गायब ...उनके प्रति संवेदनशीलता ,प्रेम व् सहानुभूति रखने के कारण ही हम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में सक्षम हो सकतें हैं ।
डॉ.शालिनीअगम
2010
13 comments:
VERY EDUCATIONAL SHALINI
KEEP IT UP
"अपने शरीर के सभी अंगों से आत्मीय व्यवहार अपनाएं" - बिलकुल अलग सोच और सोलह आने सही - बिना दबा के इलाज - धन्यवाद्
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
My dear Shalini,
I am pleased to see your blog. What you say is scientific and the practice is known as 'vipashyana', wherein mind is focused on the ailing organ of the body for a sympathetic natural cure. I shall be writing on this issue on my blog -
http://swastik-shubham.blogspot.com
मेरे गुरु जी भी ऐसा ही कुछ बताते हैं. उनका कहना है कि दिन में कई बार मन ही मन बोलो कि तुम स्वस्थ हो ... एकदम स्वस्थ ..... तुम सर्वश्रेष्ठ हो...कुछ भी कर सकते हो ....... बार-बार दोहराने से कुछ समय पश्चात आपका दिमाग इस बात को स्वीकार लेता है .....फलस्वरूप पूरा शरीर इसी दिशा में बहने लगता है.
अच्छी पोस्ट
शुभ कामनाएं
shareer k ango sang vartalaap...kya badhiya nuskha bataaya Shalini ji badhaayi sweekaar karen
chitta jagat me swagat hai aapka
shubhkamnaaye
जय श्री कृष्ण...आपके ब्लॉग पर आ कर बहुत अच्छा लगा...बहुत अच्छा लिखा हैं आपने.....भावपूर्ण...सार्थक
जय श्री कृष्ण...आपके ब्लॉग पर आ कर बहुत अच्छा लगा...बहुत अच्छा लिखा हैं आपने.....भावपूर्ण...सार्थक
hey shalu amazing yaar
u r here
cheersssssss
..................sunny
" बाज़ार के बिस्तर पर स्खलित ज्ञान कभी क्रांति का जनक नहीं हो सकता "
हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में राज-समाज और जन की आवाज "जनोक्ति.कॉम "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . अपने राजनैतिक , सामाजिक , आर्थिक , सांस्कृतिक और मीडिया से जुडे आलेख , कविता , कहानियां , व्यंग आदि जनोक्ति पर पोस्ट करने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर जाकर रजिस्टर करें . http://www.janokti.com/wp-login.php?action=register,
साथ हीं जनोक्ति द्वारा संचालित एग्रीगेटर " ब्लॉग समाचार " http://janokti.feedcluster.com/ से भी अपने ब्लॉग को अवश्य जोड़ें .
OOOOOOOOOO WHAT A PERSONALTY
WHAT A STYLE..........
WHAT A ATTITUDE ...........
I LIKE U
आह !
कितने सुंदर और सुशील विचार है
आप प्रशंसा की पात्र हैं .
सुशील कुमार
Post a Comment