Namaste India
1-जिस तरह हम अच्छी किताब को केवल अपने लाभ के लिए चुनते हैं उसी तरह से साथी या समाज भी ऐसा
चुनें जिससे कि हमें कुछ लाभ हो ।
२-सबसे अच्छा मित्र वही है कि जिससे अपना किसी तरह से सुधार हो और आनंद की वृद्धि हो ।
३-कडुवी ,हानिकारक, दुष्ट भावों को भड़काने वाली, भ्रम पूर्ण बाते ना कहें
४- मधुर,नम्र,विनय- युक्त ,उचित और सद्भावना युक्त बातें करें ,जिससे दूसरों प़र अच्छा प्रभाव पड़े ,उन्हें प्रोत्साहन
मिले ,ज्ञान वृद्धि हो,शांति मिले तथा सन्मार्ग प़र चलने कि प्रेरणा हो।
५-ज्यादा बक-बक करने कि कोशिश ना करें अनावश्यक,अप्रासंगिक,अरुचिकर बातें करना,अपने आगे किसी
की सुनना ही नहीं ,हर घडी चबड़-चबड़ जीभ चलाते रहना, अपनी योग्यता से बाहेर कि बातें करना ,शेखी बघारना, वाणी के दुर्गुण हैं याद रखना ....एसे लोगों से लोग दूर भागने लागतें हैं ।
५-हम जैसा व्यवहार दूसरों से चाहतें हैं ,वैसा व्यवहार हम भी खुद दूसरों के साथ करें ।
६- आपसी सहयोग कि भावना को समझें ,याद रहे एक- दूसरे के सहयोग में ही हम सबकी उन्नति है ।
5 comments:
It's not how much you accomplish in life
that really counts,
but how much you give to other.
THANK YOU SHALINI
Raj Malhotra
WELL DONE SHALINIJI
hello shaliniagam,
Wow, went to your website and blog . . . you've got a whole lot going on there! No clue you had so many new thoughts under your belt!
cheers.......
Rozy
OOOOOOOOOO WHAT A PERSONALTY
WHAT A STYLE..........
WHAT A ATTITUDE ...........
I LIKE U
हे सुन्दरी
सुंदर रचना है आपकी,
सुंदर आपकी शैली है,
सुंदर आपका अंदाज है,
व् सुंदर आपकी बोली है
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