Friday, April 30, 2010

कुछ शब्द मेरे अपने ( प्यार )

प्यार से बड़ी कोई चीज नहीं
घृणा तो है सूखी बंजर ज़मीं
प्यार कि बरसती बूंदों से
आओ हम सब मिलजुल कर
भिगो दें उस प्यासी धरती को
पोषित-पल्लवित होंगे प्रेम-पुष्प
प्यार की रिम-झिम में धुलने दो
सारी कडवाहट ,भरने दो धरा की
सुखी दरारों में प्रेम के गीले मोती

चमचमाने दो मित्रता के हीरे -मानिक
विद्वेष ,घृणा , कडवाहट के
धुलने प़र लहलहाएगी
सद्भावना की खेती
जीवन को फलने-फूलने दो
स्वम को दूसरों की
स्तिथि में तोलने दो
जो सोचा दूसरों के विषय में
वही चिंतन होता है अपने बारे में
इंसान के जीवन में सबसे
ज्यादा ज़रूरी है प्रेम
प्रेम के इन्द्रधनुषी रंगों में
स्वम को भिगोने दो
फटने दो बादल कटुता का
बरसने दो प्रेम की रिम-झिम बरसात
बुझा दो प्यास धरती की
दे दो बस प्रेम की सौगात।
शालिनीअगम





14 comments:

dr. p. a. said...

HI POETESS,
I LOVE YOUR STYLE

LOVE 4 U said...

.........SO......MUCH.......EXILENT......GOOD..

SEEMS SHARMA said...

LUV ALL.......NICE SHALINI

GINNI AHUJA said...

HEYYYYYYY DEARRRRRRR
Life is about who you love and who you hurt
It's about who you make happy or unhappy purposely.
NICE SHAAAA

vidisha.....Mumbai said...

nice lines shaliniji

Anonymous said...

DEAR SHAAAAAA
I Will Love You Until My Very Last Breath ......

dr.husain said...

शालिनीजी,
ब्लॉग कि इस दुनिया का गौरव हो तुम,
ब्लॉग के असमान का सितारा हो तुम,
ब्लॉग के तख्तो-ताज की मल्लिका हो तुम,
डॉ. हुसैन

DHEERAJ said...

OOOOOOOOOO WHAT A PERSONALTY
WHAT A STYLE..........
WHAT A ATTITUDE ...........
I LIKE U

Anonymous said...

shaliniji
I Can Sense Your Presence,
I Can Feel Your Fragrance,
You Are The Most Beautiful Happening Of My Life..

dr.kk said...

हे सुन्दरी
सुंदर रचना है आपकी,
सुंदर आपकी शैली है,
सुंदर आपका अंदाज है,
व् सुंदर आपकी बोली है

Anonymous said...

:) how swet gal u r , god bles u :) my makhna , my buttercup friend

chopsyyyyy :) said...

डॉ.शालिनी .सच्चाई को शब्दों में व्यक्त करना कोई आपसे सीखे .बहुत सुंदर लिखतीं हैं आप .

Avinash Bhattacharya said...

In the morning I don’t eat coz I think of u,
at noon I don’t eat coz I think of u,
in the evening I don’t eat coz I think of u,
at night I don’t sleep coz Im hungry
i have read your most of the blog...........thanks for sharing

CAP.NALIN SHARMA said...

LOVELY POEM BY A LOVELY GIRL